Saturday, January 30, 2016

नव बरखक सप्पथ- शुनतारो तानीकावा

सप्पथ खाय छी शराब आ सिगरेट नै छोड़ब
सप्पथ खाय छी, जिनका सं नफरत करैत छी
हुनका नहा देब नीच शब्द सं
सप्पथ खाय छी, सुनर छौंड़ी सबके ताकब
सप्पथ खाय छी जे हंसयके जखैन उचित मौका लागत, खूब मुंह खोलिके हंसब
सूर्यास्त को देखब करूंगा बिसुरल बिसुरल
फ़सादिक भीड़के देखब नफ़रत सं
सप्पथ खाय छी जे मनके हिलाबैक बला खिस्सा पर कानैत शंका करब
दुनिया आ देस कs vs कs दिमागी बहस नै करब
खराब कविता लिखब आ नीक सेहो
सप्पथ खाय छी जे रिपोर्टरके नै बतायब अप्पन विचार
सप्पथ खाय छी जे दोसर टीवी नै कीनब
सप्पथ खाय छी जे अंतरिक्ष हवाई जहाज पर चढ़ैक इच्छा नै करब
सप्पथ खाय छी जे सप्पथ टूटहिं सं अफसोस नै करब
एकरहि लs कs हम सब दस्तख़त करैत छी.
अनुवाद: विनीत उत्पल

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