Saturday, October 18, 2008

इन्द्रप्रस्थक कथा

इन्द्रप्रस्थक कथा
युग-युग सं
लिखल जा
रहल छैक
इन्द्रप्रस्थक कथा

द्वापर मे
अहि ठाम
छल पांडवक
राजधानी

जकरा पावैक लेल
अठाराह दिन तक
भएल महाभारत
मारल गेल हजारों लोक

समय बदलल
आब नहि छथि ओ पांडव
नहि ओ कौरव
मुदा, आबो मारल जाइत अछि लोक

तहिया उजड़ि गेल छल
गामक-गाम
आई कामनवेल्थक नाम पर
उजड़ि रहल छैक गरीबक झोपड़ी

हम पूछैत छी
शिखंडीक आगू कs
रचल गेल छल षड्यंत्र
सत्ताक लेल

भाई-भाई कs
दुश्मन भेल
मारि-काटि कs
करलक वंशक नाश

आब अहि इन्द्रप्रस्थ मे
वर्ल्ड क्लासक नाम पर
रचल जाइ अछि षड्यंत्र
गरीब कए भगाबैक लेल.

1 comment:

Gajendra said...

आब अहि इन्द्रप्रस्थ मे
वर्ल्ड क्लासक नाम पर
रचल जाइ अछि षड्यंत्र
गरीब कए भगाबैक लेल.
bah