Thursday, September 18, 2008

पार्टनर, अहांक मूल की

पार्टनर, अहांक मूल की

अहां कs मन छथि
कवि मुक्तिबोध
जखन हुनका
कियो नव लोक भेटति छलैन
तs पुछथिन
पार्टनर, अहांक पालिटिक्स की

आब तs
मुक्तिबोध नहि छथि
मुदा, मिथिला मे हुनकर गप
घर-घर मे
अहां सुनि
सकैत छी

ई गप जखन-तखन
नहि सुनबहि
मुदा, ब्याह-दानक
घटकैति मे
सुनबहि जरूर
पार्टनर, अहांक मूल की

अहांकs एहि गप मे
अंतर किछु
नहि लागत
मुदा, जमीन आ आसमानक
फ़र्क छैक

मुक्तिबोधक गप मे मानसिक आ
वैचारिक स्तर देखबा मे आबैत छल
जखन कि मिथिलाक संस्कार मे
निखटुओ जे छथि
पूर्वजक गुणगान मे
पेटकुनिया धेने भेटताह

एकटा गप
पुछै छी
आब कि
राजतंत्र छैक
जे राजाक बेटा
राजा होइत.